🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Uth Jag Musafir Bhor Bhai lyrics
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जागत है सो पावत है॥
टुक नींद से अखियाँ खोल जरा,
और अपने प्रभु में ध्यान लगा।
यह प्रीत करन की रीत नहीं,
प्रभु जागत है तू सोवत है॥
जो कल करना सो आज करले,
जो आज करे सो अभी करले।
जब चिड़िया ने चुग खेत लिया,
फिर पछिताए क्या होवत है॥
नादान भुगत अपनी करनी,
ऐ पापी पाप में चैन कहाँ।
जब पाप की गठड़ी सीस धरी,
अब सीस पकड़ क्यूँ रोवत है॥