🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Is Man Ko Basant Ki Lage Na Soi
नानक गुरबानी Nanak Gurbaani lyrics
इस मन को बसन्त की लगे न सोए।
इह मन जलिआ दूजे दोए॥
सोए- अनुभूति, एहसास
इस मन को बसन्त (आनन्द) का स्पर्श क्यों नहीं होता ! यह मेरा मन द्वन्द्व और द्वैत रूपी आग से जल रहता है।
तिन बसन्त जो हर गुण गाए।
पूरे भाग हरि भक्ति कराएँ॥
ऐहो मन धन्धे बँधा कर्म कमाएँ,
माया मूठा सदा बिललाए॥
मूठा- मोहित (माया में फँसकर)
ऐहो मन छूटै जा सद्गुरु भेंटे,
जमकाल की फिर न आवे फेंटे॥
ऐहो मन छूटा लिया छुड़ाएँ,
'नानक' माया मोह शब्द जलाएँ॥
🚩निरंजनी अद्वैत आश्रम, भाँवती🥀