🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Aatm ka gyan jinko vohi manushya Nar hai
आत्म का ज्ञान जिनको, वोही मनुष्य नर है।
बिन ज्ञान के जो प्राणी, कूकर समान खर है॥
दृष्टि है दिव्य जिनकी, उनकी निगाह जबर है।
उनसे छिपा न कुछ भी, दुनियां की सब खबर है॥
ब्रह्मानन्द जिसने जाना, उसको किसका डर है।
जीता है मन को जिसने, वह ही सदा निडर है॥
रोशन है उनको सबकुछ, दिखता वो चराचर है।
जलवा तमाम उसका, आता उन्हें नजर है॥
ब्रह्मवेता ब्रह्म होता है, इसमें नहीं कसर है।
अचलराम अचल सदाई, आत्म अजर अमर है॥