🕉️👌🏻🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🫂🌍
मुझे ऐ 'शकील' न ढूँढ़,
न फ़ना मेरी न बक़ा मेरी,
मैं किसी का हुस्नेख़्याल हूँ,
मेरा कुछ वजूदो-अदम नहीं॥
बिन्दु यदि सिन्धु में मिल गया तो उसे ढूँढने क्या! बिन्दु का स्वरूप से न तो नाश (फना) है और न बका (न अपना कोई वजूद है) जीव ब्रह्म का ही प्रतिबिम्ब है, इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है।
वही ज़िन्दगी वही मरहले,
वही कारवाँ वही रास्ते।
मगर अपने-२ मुक़ाम पर
कभी तुम नहीं कभी हम नहीं॥
फ़ना कैसी-बक़ा कैसी,
जब उसके आश्ना ठहरे।
कभी उस घर में आ बैठे
कभी इस घर में आ बैठे॥
आश्ना- प्रेमी, चिर-परिचित, जानकार
Aaunga na jaunga Main Marunga na Jiunga
आऊंगा ना जाऊँगा मैं मरूंगा ना जीऊंगा
मौत क्या आके फकीरों से तुझे लेना है?
मौत क्या आके फकीरों से तुझे लेना है?
मरने से पहले तो यह लोग मरा करते है।
आऊंगा न जाऊंगा मैं मरूंगा न जीऊंगा।
गुरां के शबद प्याला, हरि राग पियूँगा॥
कोई पूजे मड़ियाँ ते, कोई पूजे गोरां।
देखो रे बाबा ! ये लूट लेंहैं चोरा॥
कोई फेरे माला ते, कोई फेरे तस्बीह।
देखो रे बाबा ये दोनों है कस्बी॥
कस्बी- व्यभिचारी, पाखण्डी।
कोई जावे मक्के ते, कोई जावे काशी।
देखो रे बाबा! तो हाँ गल फाँसी॥
कहत 'कबीर' सुनो मोरी लोई।
हम ना किसी के हमरा ना कोई।
हम जो मरेंगे तो रोयो ना कोई॥
वो और होंगे जो जिन्हें मौत आएगी बेदम।
निग़ाहे-ए-यार से पायी है ज़िन्दगी मैंने॥
हम जो मरेंगे तो रोयो न कोई...
जन्मना क्या ज्ञान है, मरना क्या है जान।
इन दोनों से छूटना, मुक्ति इसको जान॥
कबीर भजन लिरिक्स Kabeer lyrics
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🥀