🕉️🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Are dil gafil gaflat matkar Kabeer
अरे दिल ग़ाफ़िल गफलत मतकर।
इक दिन जम तेरे आवेगा॥
सौदा करन को या जग आया,
पूँजी लाया मूल गँवाया,
प्रेम नगर का अन्त ना पाया,
ज्यों आया त्यों जावेगा॥
सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता,
या जीवन में क्या क्या बीता।
सिर पाहन का बोझा लीता,
आगे कौन छुड़ावेगा.........
परले पार मेरा मीता खड्या,
उस मिलने का ध्यान ना धर्या।
टूटी नाव ऊपर जा बैठा,
ग़ाफ़िल गोता खावेगा..........
दास कबीर कहे समझाई,
अन्त काल तेरो कौन सहाई।
चला अकेला संग ना काई,
किया आपना पावेगा.........