🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ab Main Apne Ram Ko Rijhau Kabeer
अब मैं अपने राम को रिझाऊँ॥
डाली छेड़ूँ न पत्ता छेड़ूँ,
ना कोई जीव सताऊँ।
पात-पात में प्रभु बसत है,
वाही को सीस नवाऊँ॥
गंगा जाऊँ न जमुना जाऊँ,
ना कोई तीरथ नहाऊँ।
अड़सठ तीरथ घट के भीतर,
तिन्ही में मल मल नहाऊँ॥
चंद्र सूरज दोऊ समकर राख्यो,
निज मन से सेज सजाऊँ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
आवागमन मिटाऊँ॥