🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः 🌍🫂
Ab Main Apna Dhol Bajau Shankar
अब मैं अपना ढोल बजाऊँ।
देवी देवा सबको छोड़ा, अपना ही गुण गाऊँ॥
ब्रह्मा विष्णु महेश्वर को भी, सच्ची बात सुनाऊँ।
एक अनादि अनंत ब्रह्म मैं खुद ही खुदा कहाऊँ॥
गंगा जमुना सबको छोड़ी, ज्ञानसरित में नहाऊँ।
छोड़ी द्वारका छोड़ी मथुरा, सून में सेज बिछाऊँ॥
परमप्रेम का प्याला भरभर खूब पीऊँ खूब पाऊँ।
मेरी बात को माने ताको, पल में पीर बनाऊँ॥
अद्धर तख्त पेआसन रखके, अद्भुत खेल रचाऊँ।
शंकर सबसे फिरे अकेला, सोऽहं धुन मचाऊँ॥