🕉️🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Ab na bani to fir na banegi

अब ना बानी  तो  फिर ना बनेगी।

नर  तन  बार  बार  नहीं  मिलता॥


हीरा सा जनम क्यों विरथा गवायों,

ना सत्संग  कियो  हरि  गुण गायो।

जननी तेरी  तुझे  फिर  ना जनेगी,

नर  तन  बार  बार  नहीं  मिलता॥


तेरी    जवानी    भरम    भुलानी,

गुरु  पितु  मात   की  बात  मानी।

नैया   कहो   कैसे   पार   लगेगी,

नर  तन  बार  बार  नहीं  मिलता॥


ओ      प्राणी      तेरी      माटी,

धरणी  गिरत है  पतंग ज्यो काटी।

माटी   में    माटी    मिल  रहेगी,

नर  तन  बार  बार  नहीं  मिलता॥