🕉️👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Ab tum apni aur niharo Sahjo Bai 

अब तुम  अपनी  ओर निहारो।

हमरे  औगुन  पै  नहिं  जाओ, 

तुमहीं  अपना  बिरद  सम्हारो॥


जुग जुग साख  तुम्हारी  ऐसी, 

वेद पुरानन गाई................

पतित। उधारन  नाम  तुम्हारो, 

यह सुन के मन दृढ़ता आई॥


मैं अजान तुम सब कलु जानो, 

घट घट अंतरजामी............

मैं  तो  चरन   तुम्हारे   लागो, 

हो किरपाल दयालहि स्वामी॥


हाथ जोरि के अरज करत हौं, 

अपनाओ गहि बाहीं...........

द्वार  तिहारे   आय  परी  हौं, 

पौरुष गुन मो में कछु नांही


चरनदास    सहजिया   तेरी, 

दरसन की निधि पाऊँ........

लगन लगी अरु प्रान अड़े हैं, 

तुमको छोड़ कहौ कित जाऊँ॥