🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ab Koi Khetiya Man Lave Kabeer
अब कोई खेतिया मन लावै॥
ज्ञान कुदार ले बंजर गोड़े,
नाम को बीज बोवावे।
सुरत सरावन नयकर फेरे,
ढेला रहन न पावे॥
मनसा खुरपनी खेत निरावै,
दूब बचन नहिं पावे।
कोस पच्चीस इक बथुवा बीचे,
जड़ से खोदि बहावे॥
काम क्रोध के बैल बने हैं,
खेत चरन को आवे।
सुरति लकुटिया ले फटकारे,
भागत राह न पावे॥
उलटि पुलटि के खेत को जोतै,
पूर किसान कहावे।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
तब वा घर को पावे॥
🎙️व्यास मौर्य Vyas Maurya