🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ajar Amar Ik Nam Hai Kabeer lyrics
अजर अमर इक नाम है सुमिरन जिहि आवै॥
बिन मुख नाम रटा करै, नहि जीभ डुलावे।
श्रवण बिनु धुन सुना करै, द्वौ नयन छिपावै॥
अरध उरध मध कोठरी, तहँ ध्यान लगावै।
तिरवेनी के घाट पर, हंसा नहवावे॥
गगन महल पश्चिम दिशा, खिरकी खुलवावै।
पानी पवन के गम नहीं, अमरित झर लावै॥
चाँद सूर्य दिवसो नहीं, अस देश कहावै।
दास कबीर अस योगिया, काया मथि नावै॥