🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Azab Anadi Nigam Rasta Heeranandji
अजब अनादि निगम रास्ता,
नहीं जन्में नहीं मरता।
अनहद आप अनादि सेवा,
देह मन्दिर दर्शन करता॥
पाँचो पण्डा तीन पुजारी,
अनन्त मन्दिर सेवा करता।
दशों पार्षद न्यारी-न्यारी पूजा,
चौरासी व्यंजन भोग लेता॥
नर नारी दो कुदरत रचता,
भूल्या जीव गड़बड़ करता।
फुरणा कारण काल घट माया,
अनहद का झण्डा उड़ता॥
अपरम्पार प्रेम गत रमता,
घड़ियां घाट तू क्यों पचता।
अवगत सैन स्वतः मिल श्वांसा,
माया खोज सब मिट जाता॥
अनुभव रत्न अमोलक हीरा,
मुक्ति का मोती सोहता।
सुरती तार निजमन यो माला,
हीरानन्द अनहद रमता॥