🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Akhiyan hari darsan ki pyasi Soordas 


अँखियन हरि दरसन की प्यासी।

देख्यो  चाहत  कमलनयन  को,

निसदिन  रहत  उदासी॥


आए  ऊधै   फिरि   गए  आंगन¸ 

डारि गए गर फांसी।

केसर तिलक मोतियन की माला¸ 

वृन्दावन के बासी॥


काहू के मन को कोउ न जानत¸ 

लोगन के मन हाँसी।

सूरदास  प्रभु  तुम्हरे  दरस को¸ 

करवट  लेहो  कासी॥