🕉️🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍
🌺🌻 स्वरूप पञ्चकम् 🌻🌺
Sumiro Saar Swaroop Sadaivam
सुमिरो ! सार स्वरूप सदैवं
सोऽहं सोऽहं सोऽहं सोऽहम्॥
अज्ञान न अध्यास अविद्या
संसय सोक न सुबह न संध्या।
नाम न रूपं निरंजनोऽहम्
अस्ति भाति प्रिय अपरम्पारम्॥
त्रिगुण दशा नहि देह न दोषा
भोग वासना वाद न लोका।
रेचक पूरक कुम्भक नाहं
नाद न बिन्दु कला नहि कालं॥
चतुर्वर्ग नहि वाणी वेदा
भूतग्राम आश्रम न अवस्था।
साम दाम अरु दण्ड न भेदं
मन बुद्धि चित्त न अहंकारं ॥
पञ्चभूत नहि इन्द्रिय यज्ञा
पञ्चकोश नहि प्राणहुँ संज्ञा।
पञ्चक्लेश न प्रपञ्च प्रकारं
बुद्धो शुद्धोऽहं रु शिवोऽहं॥
मनजीते गुरु मंत्रहुँ मीता
हंसोऽहं हंसोऽहं गीता।
उलटा जाप आप प्रति सोऽहं
सच्चिदानन्दं सोऽहं सोऽहं॥
मनजीत भजन Manjeet Bhajan
परावाणी Para vaani