🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂

Koi Aan Milave Mera Preetam pyara

Nanak Shabad Gurbaani नानक गुरबानी 

आदिगुरवे नमः जुगादि गुरवे नमः

सद्गुरवे नमः श्री गुरुदेवाय नमः॥

इक घड़ी दिनस मोको

बहुत दिहारै।

मन     न    रहे    कैसे

मिलूँ   पियारे॥

हे भाई! दिन की एक घड़ी भी (प्रभु के बिछोह में) मुझे कई दिनों के समान प्रतीत होती है। (प्रभु के मिलाप के बिना) मेरा मन धीरज नहीं धरता। मैं हर समय यही सोच में हूँ कि प्यारे से कैसे मिलूँ।

इक पल दिनस मोको,

कबहुँ न बिहावै।

दरसन की मन आस घनेरी

कोई ऐसा सन्त मोकौ,

पीरहि   मिलावै॥

हे भाई ! प्रभु के बिछोह में एक पल एक दिन भी मुझे ऐसा लगता है कि कभी ख़त्म ही नहीं होगा। मेरे मन में बड़ी ललक लगी रहती है कि मुझे कोई ऐसा सन्त मिल जाये जो मुझे प्रभु से मिला दे।

कोई  आन  मिलावै

मेरा   प्रीतम  प्यारा

हौं (मैं) तिसपै आप बिचाई॥

अगर कोई मुझे मेरे प्रियतम प्यारे से मिला दे तो मैं उसके आगे अपना आप बेच दूँ।

दरसन  हर  देखण  के  ताई,

किरपा करे ता सतगुर मिलै,

हर हर नाम ध्याई॥

हे प्रभु! अगर तू मेरे पर मेहर करे , मुझे गुरु से मिला दे तो तेरे दर्शन करने के लिए मेैं सदा तेरा नाम सिमरता रहूंगा।

जे सुख दे तां  तुझै अराधी,

दुःख    भी    तुझै    ध्याई॥

हे प्रभु ! अगर तू मुझे सुख दे तो मैं तुझे ही सिमरता रहूँ और दुःख में भी तेरी ही आराधना करता रहूँ।

जे भूख दे तां इत ही राजी,

दुख   विच   सुख   मनाई॥

हे प्रभु! अगर तू मुझे भूखा रखे तो मैं इस भूख में ही तृप्त रहूंगा, दुःख में सुख प्रतीत करूंगा (तेरी मेहरबानी जरूर हो जाए कि मुझे तेरे दर्शन हो जाए।)

तन मन काट काट सब अरपीं,

विच   अग्नि   आप   जलायी॥

हे प्रभु, (तेरे दर्शन के खातिर अगर जरूरत पड़े तो) मेैं अपना तन-मन काट-काट सारा भेंट कर दूंगा। आग में भी अपने आपको जला लूंगा।

पख्खा  फेरी   पाणी   ढोंवा,

जो   देवै   सो   खाई॥

हे प्रभु! तेरे दीदार के खातिर तेरे सन्तों को पंखा करूंगा, पानी ढोऊंगा, जो कुछ तू मुझे खाने के लिए देगा वही खुश होकर खा लूंगा।

नानक गरीब ढहि पइआ द्वारै,

हरि  मेल  लैहो  बड़ाई॥

हे प्रभु! गरीब नानक तेरे दर पर आ पड़ा है मुझे अपने चरणों में जोड़ ले, तेरा ये उपकार होगा।