🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍
Hari Tum Haro Jan Ki Peer
Meera Bhajan मीरा भजन
हरि तुम ! हरौ जन की पीर।
द्रौपदी की लाज राखी,
तुम बढ़ायो चीर॥
भक्त कारण रूप नरहरि,
धरयो आप शरीर।
हिरणकश्यपु मार दीन्हों,
धरयो नाहिं न धीर॥
बूड़ते गजराज राखे,
कियो बाहर नीर।
दासी मीरा लाल गिरिधर,
दु:ख जहाँ तहँ पीर॥
🚩 श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️ मुंशी खान Munshi khan
🎙️जगजीत सिंह Jagjit Singh