🕉️🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Hari Ke Nam Ke Vyapari
हरि के नाम के व्यापारी॥
हीरा हाथ चढ़िआ निर्मोलक,
छूट गई संसारी॥
किन्हीं बनजिया काँसी तांबा,
किन्हीं लौंग सुपारी।
संतहुँ बणजिया नाम गोबिंद का,
ऐसी खेप हमारी॥
साँचे लाए तो सच लागे,
साँचे के ब्योहारी।
साँची वस्तु के भार चलाए
पहुँचे जाई भण्डारी॥
आपै रत्न जवाहर माणिक,
आपै है पासारी।*
आपै दस दिस आप चलावै,
निश्चल है व्यापारी॥
मन कर बैल सुरति करि पेड़ा,
गिआन गोनि भरि डारी।
कहत 'कबीर' सुनहुँ रे सन्तों,
निपजी खेप हमारी॥
गुरबानी कबीर सबद Gurbaani Kabeer Shabad
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻